ज्योतिष
शास्त्र के अनुसार सौरमंडल में मौजूद हर ग्रह (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध,
बृहस्पति, शुक्र, शनि एवं राहु व केतु) की एक खास विशेषता एवं महत्व है।
सूर्य जहां यश और सम्मान प्रदान करने का ग्रह है, वहीं मंगल को क्रोधी और
विनाशकारी माना गया है। बृहस्पति धर्म का ग्रह है, जिनकी उपासना से विभिन्न
फल प्राप्त होते हैं। शुक्र
ग्रह हमारे प्रेम संबंध एवं सौंदर्य को बनाता है। इसके अलावा शनि को
कर्मों का फलदाता माना गया है। राहु और केतु दुष्ट ग्रह माने जाते हैं।
सौरमंडल
को ज्योतिष शास्त्र शुभ एवं अशुभ ग्रहों में बांटता है, जिसके अनुसार 9
ग्रहों में से गुरु, शुक्र तथा बलवान चंद्र पूर्ण रूप से शुभ कहलाते हैं।
जबकि सूर्य व मंगल क्रूर ग्रह कहलाते हैं एवं शनि सहित राहु व केतु को
नैसर्गिक पापी ग्रह कहा जाता है।शायद
यही कारण है कि लोग शनि, राहु एवं केतु से इतना डरते हैं। ज्योतिष शास्त्र
के अनुसार जिस जातक की कुंडली में राहु ग्रह बेहद मजबूत होता है, उतना ही
दुष्ट वह इंसान होता है। राहु का हर प्रकार का स्वभाव उस इंसान में आसानी
से देखा जा सकता है। लेकिन यह ग्रह कुंडली के किस भाव में बैठा है, इस पर भी इसका असर निर्भर करता है। परंतु आज हम आपको राहु के होने वाले गोचर के बारे में बताने जा रहे हैं।
सभी ग्रहों की तरह राहु ग्रह भी अपनी राशि निश्चित समय के बाद बदलता ही है, परंतु यह एक पापी ग्रह है, इसलिए लोग इसके राशि परिवर्तित करते ही संकट में आ जाते हैं। ऐसा नहीं है कि यह ग्रह जिस राशि में जा रहा है, केवल उसी को प्रभावित करता है। यह ग्रह अन्य ग्यारह राशियों के भी विभिन्न भावों में बैठकर उन्हें प्रभावित करने का काम करता है। गोचर के दौरान यदि उसी राशि की अंतर्दशा या फिर महादशा भी राहु की चल रही हो, तो ऐसा जातक संकट में आ जाता है। केवल सही ज्योतिषी सलाह व्यक्ति को बचा सकते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि पापी ग्रह राहु प्रत्येक राशि में प्रवेश करने के बाद कुल 18 महीनों तक वहां रहता है। इसके बाद ही यह ग्रह राशि परिवर्तित करता है। इस बार राहु ग्रह 18 अगस्त, 2017 को सिंह राशि से निकलकर वक्री हो रहा है। यानी कि यह ग्रह वापस पिछली राशि कर्क में आ रहा है। राहु का यह वक्री परिवर्तन 18 अगस्त की मध्य रात्रि को 12 बजकर 37 मिनट पर हो जाएगा। अब यह ग्रह अपने वक्री होने पर सभी राशियों के ऊपर क्या प्रभाव डालेगा-
1. मेष राशि
इस राशि के चौथे भाव में आकर बैठेगा राहु, जिसके कारण इस राशि के जातकों के स्वास्थ्य पर बुरा असर हो सकता है। इसके अलावा विद्यार्थियों की शिक्षा पर भी इसका दुष्प्रभाव देखने को मिल सकता है।
2.वृष राशि
वृष राशि के तीसरे भाव पर राहु का असर होगा। यह ग्रह वृष राशि के जातकों के लिए बुरा नहीं, वरन् अच्छा समय ला सकता है। लेकिन अगर आपकी कुंडली में बृहस्पति की स्थिति कमजोर है, तो आप संकट के घेरे में आ सकते हैं।
3.मिथुन राशि
इस राशि के दूसरे भाव में आ रहा है राहु, जिसके चलते इस राशि के जातकों को आर्थिक परेशानी आ सकती है। ऐसा नहीं है कि गोचर के दौरान ये धन कमाने में असफल होंगे, लेकिन घर आया धन फिजूल के कार्यों में अधिक खर्च होगा ऐसी संभावना है।
4. कर्क राशि
इसी राशि में राहु का वापस आना, भारी संकट पैदा कर रहा है। हमारी यही सलाह है कि गोचर के नजदीक आने से पहले ही आप किसी अच्छे ज्योतिषी से राहु को शांत करने के उपाय पा लें। अन्यथा यह गोचर आपको बरबाद कर देगा।
5. सिंह राशि
राहु ग्रह इस राशि से बाहर आ जाएगा, लेकिन संकट फिर भी नहीं टलेगा। राहु के इस राशि परिवर्तन से सिंह राशि के जातकों के खर्चे सोच से परे बढ़ जाएंगे। पैसा कब आया और कब निकल भी गया, आप समझ भी नहीं पाएंगे।
6.कन्या राशि
अगर आपकी राशि कन्या है तो आपकी किस्मत चमकने वाली है। जी हां... पापी ग्रह राहु इस राशि के 11वें भाव में प्रवेश करेगा और यहां पहुंचते ही यह ग्रह एक खास प्रकार का ‘राजयोग’ बनाने वाला है। लेकिन आप मानसिक रूप से परेशान रह सकते हैं।
7. तुला राशि
इस राशि के 10वें भाव पर राहु ग्रह का प्रभाव देखने को मिलेगा। यह ग्रह इस राशि के जातकों के लिए स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें लाएगा। स्वभाव में भी रूखापन और चिड़चिड़ाहट आएगी।
8.वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के 9वें भाव पर राहु ग्रह का प्रभाव देखने को मिलेगा, जिस कारण इनकी ना केवल निजी जिंदगी बल्कि प्रोफेशन लाइफ पर भी प्रभाव होगा। घर और ऑफिस, दोनों जगह टेंशन बनेगी।
9. धनु राशि
यदि इस राशि के जातकों की कुंडली में राहु मजबूत है तो कुछ हद तक बचाव हो सकता है। लेकिन गुरु का कमजोर होना धन, विवाह एवं स्वास्थ्य, तीनों क्षेत्रों में बर्बादी ला देगा। इसलिए इस राशि के जातकों को इस दौरान राहु को शांत करने के या फिर गुरु को मजबूत बनाने के ज्योतिषी उपाय जरूर करने चाहिए।
10. मकर राशि
इस राशि के 7वें भाव में आने से राहु ग्रह एक साल तक अपना प्रभाव दिखाएगा। जिसके कारण इस राशि के जातकों की शादीशुदा जिंदगी प्रभावित होगी। राहु का अशुभ प्रभाव अधिक बढ़ जाने से तलाक जैसे हालात भी पैदा हो सकते हैं।
11. कुंभ राशि
राहु का गोचर कुंभ राशि के जातकों के लिए भी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें पैदा करेगा। पेट और लीवर चपेट में आ सकते हैं।
12. मीन राशि
इस राशि के 5वें भाव पर होगा राहु ग्रह का असर, जिसके चलते कॅरियर पर बुरा असर हो सकता है। बच्चों पर मानसिक कठिनाईयां आएंगी। यदि गोचर के दौरान मीन राशि की महिलाएं गर्भवती हैं, तो बेहद सावधान रहना होगा।
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