हिंदू संस्कृति में भगवान गणेश का स्थान सर्वोपरी है। हर शुभ काम से पहले
भगवान गणेश का आह्वान जरूरी है। प्रत्येक वर्ष गणेश चतुर्थी के दिन गणेश
पूजा की जाती है। लेकिन इससे अलग भी प्रत्येक बुधवार को गणेश आराधना करना
आपके लिए खुशियों के द्वार खोल देगा। गणेश स्तुति के लिए बुधवार का दिन विशेष माना गया है। इस दिन बुध ग्रह के
लिए भी आप पूजा-अर्चना कर सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति की कुण्डली में बुध
ग्रह अशुभ स्थिति में है तो बुधवार को पूजा करने से इस दोष का निवारण हो
सकता है।
देवता भी अपने कार्यों को बिना किसी रुकावट के पूरा करने के लिए पहले गणेश उपासना करते हैं। शास्त्रों में भी भगवान गणेश की महत्ता का वर्णन किया गया है। बताया गया है कि एक बार भगवान शंकर त्रिपुरासुर का वध करने में असफल हो गए। असफलता पर महादेव ने विचार किया तो शिवजी को ज्ञात हुआ कि वे गणेशजी की अर्चना किए बगैर त्रिपुरासुर से युद्ध करने चले गए थे। इसके बाद शिवजी ने गणेश पूजन करके दोबारा त्रिपुरासुर पर प्रहार किया, तब उनका मनोरथ पूर्ण हुआ। सनातन एवं हिंदू शास्त्रों में गणेश जी को सभी दुखों और परेशानियों को हरने वाला देवता बताया गया है। गणेश भक्ति से शनि समेत सभी ग्रह दोष दूर हो जाते हैं। प्रत्येक बुधवार को गणेश उपासना करने से व्यक्ति का सुख-सौभाग्य बढ़ता है। साथ ही उसकी सभी रुकावट दूर होती हैं।
प्रात: काल स्नानआदि से निवृत्त होकर सबसे पहले गणेश प्रतिमा (यदि किसी धातु की हो तो) को मिट्टी और नींबू से अच्छे से साफ करके पूजा स्थल पर पूर्व या उत्तर दिशा की और मुख करके लाल रंग के आसान पर विराजमान करें। आप शुद्ध आसन पर भगवान के सामने अपना मुख करके बैठे, इसके बाद भगवान का ध्यान करते हुए पूजन सामग्री जैसे पुष्प, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली, लाल चंदन और मोदक आदि गणेश भगवान को समर्पित करें। शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान गणेश के पूजन में तुलसी दल और तुलसी पत्र नहीं चढ़ाना चाहिए। उन्हें किसी शुद्ध स्थान से चुनी हुई दुर्वा (दूब घास) को धोकर ही चढ़ाना चाहिए। भगवान गणेश को मोदक (लड्डू) प्रिय हैं इसलिए उन्हें देशी घी से बने मोदक का प्रसाद चढ़ाना चाहिए। पूजा करते समय किसी प्रकार का क्रोध न करें। यह आपके और परिवार दोनों के लिए सही नहीं रहेगा।
सभी चीजों को अर्पित करने के बाद भगवान गणेश का स्मरण कर ‘ऊं गं गणपतये नम:’ मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए। इस मंत्र का अर्थ है कि मैं ऐसे प्रभु का स्मरण करता हूं जो मेरे सभी दु़खों को दूर करते हैं। बुधवार के दिन घर में सफेद रंग के गणपति की स्थापना करने से समस्त प्रकार की तंत्र शक्ति का नाश होता है। घर के किसी व्यक्ति पर ऊपरी हवा का असर भी नहीं होता। धन की समस्या दूर करने या रोजगार में सफलता के लिए बुधवार को श्री गणेश को घी और गुड़ का भोग लगाएं। थोड़ी देर बाद भोग लगाए हुए घी और गुड़ गाय को खिला दें। ये उपाय करने से धन संबंधी परेशानी दूर होती है। परिवार में कलह हो तो बुधवार के दिन दूब घास के गणेश जी की प्रतीकात्मक मूर्ति बनाएं। इसे घर में पूजा के स्थान में स्थापित करें और प्रतिदिन इसकी विधि-विधान से पूजा करें। घर का क्लेश धीरे-धीरे कम हो जाएगा। घर के मुख्य दरवाजे पर गणेशजी की प्रतिमा लगाएं। बिल्कुल ऐसी ही प्रतिमा घर के अंदर भी लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। कोई भी नकारात्मक शक्ति घर में प्रवेश नहीं कर पाती।
देवता भी अपने कार्यों को बिना किसी रुकावट के पूरा करने के लिए पहले गणेश उपासना करते हैं। शास्त्रों में भी भगवान गणेश की महत्ता का वर्णन किया गया है। बताया गया है कि एक बार भगवान शंकर त्रिपुरासुर का वध करने में असफल हो गए। असफलता पर महादेव ने विचार किया तो शिवजी को ज्ञात हुआ कि वे गणेशजी की अर्चना किए बगैर त्रिपुरासुर से युद्ध करने चले गए थे। इसके बाद शिवजी ने गणेश पूजन करके दोबारा त्रिपुरासुर पर प्रहार किया, तब उनका मनोरथ पूर्ण हुआ। सनातन एवं हिंदू शास्त्रों में गणेश जी को सभी दुखों और परेशानियों को हरने वाला देवता बताया गया है। गणेश भक्ति से शनि समेत सभी ग्रह दोष दूर हो जाते हैं। प्रत्येक बुधवार को गणेश उपासना करने से व्यक्ति का सुख-सौभाग्य बढ़ता है। साथ ही उसकी सभी रुकावट दूर होती हैं।
प्रात: काल स्नानआदि से निवृत्त होकर सबसे पहले गणेश प्रतिमा (यदि किसी धातु की हो तो) को मिट्टी और नींबू से अच्छे से साफ करके पूजा स्थल पर पूर्व या उत्तर दिशा की और मुख करके लाल रंग के आसान पर विराजमान करें। आप शुद्ध आसन पर भगवान के सामने अपना मुख करके बैठे, इसके बाद भगवान का ध्यान करते हुए पूजन सामग्री जैसे पुष्प, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली, लाल चंदन और मोदक आदि गणेश भगवान को समर्पित करें। शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान गणेश के पूजन में तुलसी दल और तुलसी पत्र नहीं चढ़ाना चाहिए। उन्हें किसी शुद्ध स्थान से चुनी हुई दुर्वा (दूब घास) को धोकर ही चढ़ाना चाहिए। भगवान गणेश को मोदक (लड्डू) प्रिय हैं इसलिए उन्हें देशी घी से बने मोदक का प्रसाद चढ़ाना चाहिए। पूजा करते समय किसी प्रकार का क्रोध न करें। यह आपके और परिवार दोनों के लिए सही नहीं रहेगा।
सभी चीजों को अर्पित करने के बाद भगवान गणेश का स्मरण कर ‘ऊं गं गणपतये नम:’ मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए। इस मंत्र का अर्थ है कि मैं ऐसे प्रभु का स्मरण करता हूं जो मेरे सभी दु़खों को दूर करते हैं। बुधवार के दिन घर में सफेद रंग के गणपति की स्थापना करने से समस्त प्रकार की तंत्र शक्ति का नाश होता है। घर के किसी व्यक्ति पर ऊपरी हवा का असर भी नहीं होता। धन की समस्या दूर करने या रोजगार में सफलता के लिए बुधवार को श्री गणेश को घी और गुड़ का भोग लगाएं। थोड़ी देर बाद भोग लगाए हुए घी और गुड़ गाय को खिला दें। ये उपाय करने से धन संबंधी परेशानी दूर होती है। परिवार में कलह हो तो बुधवार के दिन दूब घास के गणेश जी की प्रतीकात्मक मूर्ति बनाएं। इसे घर में पूजा के स्थान में स्थापित करें और प्रतिदिन इसकी विधि-विधान से पूजा करें। घर का क्लेश धीरे-धीरे कम हो जाएगा। घर के मुख्य दरवाजे पर गणेशजी की प्रतिमा लगाएं। बिल्कुल ऐसी ही प्रतिमा घर के अंदर भी लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। कोई भी नकारात्मक शक्ति घर में प्रवेश नहीं कर पाती।
Hey there,
ReplyDeleteNice blog
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