भगवान कृष्ण की मां की जयंती को यशोदा जयंती के रूप में मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की षष्ठी के दिन यशोदा जयंती मनायी जाती है। इस साल यशोदा जयंती 17 फरवरी को मनायी जा रही है। भगवान कृष्ण की मां के रूप में यशोदा के चरित्र को भुलाया नहीं जा सकता।
भगवान कृष्ण के मंदिरों के साथ ही दुनियाभर में फैले इस्कॉन मंदिरों में भी यशोदा जयंती का त्योहार मनाया जाता है। भागवत पुराण के अनुसार भगवान कृष्ण, जिन्हें माता देवकी ने जन्म दिया था, उन्हें पिता, वासुदेव ने गोकुल में रहने वाले यशोदा और नंद के हवाले कर दिया था। उन्होंने ऐसा इसलिए किया कि क्योंकि वे देवकी के भाई, दुष्ट राजा कंस से कृष्ण को बचाना चाहते थे। भगवान कृष्ण के प्रति माता यशोदा के अपार प्यार की किसी और से तुलना नहीं की जा सकती।
यशोदा जयंती का त्योहार गोकुल में धूमधाम से मनाया जाता है क्योंकि यहीं पर भगवान कृष्ण ने माता यशोदा के साथ अपना बचपन बिताया। लोग सामान्य रूप से इस दिन माता यशोदा की कहानी सुनाते हैं कि किस तरह यशोदा, बेटे कृष्ण का ख्याल रखती थीं। श्रीकृष्ण द्वारका के राजा थे जो आज गुजरात में है, इसलिए गुजरात में भी यशोदा जयंती का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन यहां के लोग अपने घरों को माता यशोदा और कृष्ण की तस्वीरों से सजाते हैं।
भगवान कृष्ण के मंदिरों के साथ ही दुनियाभर में फैले इस्कॉन मंदिरों में भी यशोदा जयंती का त्योहार मनाया जाता है। भागवत पुराण के अनुसार भगवान कृष्ण, जिन्हें माता देवकी ने जन्म दिया था, उन्हें पिता, वासुदेव ने गोकुल में रहने वाले यशोदा और नंद के हवाले कर दिया था। उन्होंने ऐसा इसलिए किया कि क्योंकि वे देवकी के भाई, दुष्ट राजा कंस से कृष्ण को बचाना चाहते थे। भगवान कृष्ण के प्रति माता यशोदा के अपार प्यार की किसी और से तुलना नहीं की जा सकती।
यशोदा जयंती का त्योहार गोकुल में धूमधाम से मनाया जाता है क्योंकि यहीं पर भगवान कृष्ण ने माता यशोदा के साथ अपना बचपन बिताया। लोग सामान्य रूप से इस दिन माता यशोदा की कहानी सुनाते हैं कि किस तरह यशोदा, बेटे कृष्ण का ख्याल रखती थीं। श्रीकृष्ण द्वारका के राजा थे जो आज गुजरात में है, इसलिए गुजरात में भी यशोदा जयंती का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन यहां के लोग अपने घरों को माता यशोदा और कृष्ण की तस्वीरों से सजाते हैं।
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