सप्ताह के सात दिनों में से कोई ना कोई एक दिन हर किसी के लिए बहुत महत्व रखता है। किसी के लिए कोई दिन लकी होता है, तो वह अपना हर जरूरी काम उसी दिन करता है। तो किसी के लिए कोई दिन बिल्कुल अनुकूल नहीं होता तो वह उस दिन कोई भी महत्वपूर्ण काम करने से बचता है। वैसे बहुत से लोग इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि सप्ताह का हर दिन विभिन्न देवताओं को समर्पित होता है। इस दिन उस विशिष्ट देवता की पूजा करने से बहुत सी समस्याओं का हल होता है। आपको आज ये बताते हैं कि सप्ताह के कौन से दिन किस भगवान को समर्पित हैं और उस दिन उनकी पूजा-अर्चना करने से क्या फल मिलता है। साथ ही पूजा के दौरान किन चीजों का प्रयोग किया जाना चाहिए ये भी हम आपको बताने वाले हैं।
रविवार
रविवार अर्थात भगवान सूर्य का दिन, इस दिन लोग सूर्यनारायण की आराधना करते हैं। रविवार के दिन व्रत रखने वाले लोग पूरे दिन में ना तो घी-तेल खाते हैं न ही नमक का स्वाद लेते हैं। इस दिन लाल रंग के वस्त्र पहनने से फायदा मिलता है और साथ ही पूजा के दौरान लाल चंदन का टीका लगाकर सूर्य देव को लाल फूल प्रस्तुत किए जाएं तो बहुत फायदेमंद साबित होता है। रविवार के दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को अपने साथ-साथ अपने आसपास की जगहों पर भी सफाई रखनी चाहिए। जिन लोगों को त्वचा से संबंधित कोई रोग होता है उनके लिए रविवार का व्रत रखना लाभकारी है। इस दिन गरीबों को दान भी करना चाहिए।
सोमवार
भगवान शिव को समर्पित यह दिन कुंवारी लड़कियों के लिए बहुत उपयोगी है। अपने मनोनुकूल जीवनसाथी को पाने के लिए वे सोमवार के व्रत रखती हैं। भगवान शिव को प्रसन्न करना बहुत आसान होता है इसलिए वे लोग जिन्हें अपनी किसी इच्छा पूरी होने का इंतजार है, वे सोमवार के दिन व्रत रखते हैं। सोमवार का व्रत सूर्य उगने के साथ ही शुरू हो जाता है और सूर्यास्त के बाद तक चलता है। इसलिए वे लोग जो इस दिन व्रत रखते हैं वे सूर्य के ढलने के बाद ही खाना खाते हैं। कुछ लोग दोपहर बाद फल या साबूदाने की खिचड़ी खा लेते हैं। सोमवार के दिन सफेद कपड़े पहनने से और शिवलिंग पर सफेद फूल चढ़ाने से मनोकामना पूरी होती है। सोमवार के दिन अमावस या पूर्णिमा पड़ना बहुत पवित्र माना जाता है। इस दिन को सोमवती अमावस्या का कहा जाता है। इसके अलावा उत्तरी भारत, गुजरात और महाराष्ट्र में श्रावण महीने में पड़ने वाले सोमवार, तमिलनाडु में कार्थिगई मसम के सोमवार, आन्ध्र प्रदेश और कर्नाटक में कार्तिक माह के सोमवार का विशेष महत्व है।
मंगलवार
मंगलवार का दिन गणेश, हनुमान और काली को समर्पित है, साथ ही मंगल ग्रह का संबंध भी इसी दिन से है। मंगल ग्रह को समस्याओं का जनक माना जाता है इसलिए मंगलवार का व्रत रखकर लोग मंगल ग्रह की कुदृष्टि से बचने की कोशिश करते हैं। परंतु इस दिन विशेषकर लोग रामभक्त हनुमान की ही आराधना करते हैं। इस दिन लाल वस्त्र पहनना शुभ होता है। मंगलवार का व्रत रखने वाला व्यक्ति पूरे दिन में एक बार भोजन करता है। अधिकांश दंपत्ति पुत्र प्राप्ति के उद्देश्य से भी मंगलवार का व्रत रखते हैं। ज्योतिष पर विश्वास करने वाले लोग मंगल ग्रह को प्रसन्न रखने के लिए इस दिन व्रत रखते हैं।
बुधवार
भगवान कृष्ण के अवतार विट्ठल और बुध ग्रह को समर्पित है बुधवार का दिन। इस दिन पूजा के दौरान हरी पत्तियां, विशेषकर तुलसी की पत्तियां प्रयोग की जाती है। किसी नए कार्य को शुरु करने के लिए यह दिन बहुत उपयुक्त है। कुछ क्षेत्रों में इस दिन भगवान विष्णु की भी आराधना होती है। ऐसा माना जाता है कि वे लोग जो इस दिन व्रत रखते हैं उनके परिवार में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है। साथ ही उनकी बुद्धि में भी विकास होता है। बुधवार के दिन हरे कपड़े पहनना और मूंग दाल का दान करना शुभ माना जाता है। पूजा के दौरान बुधवार व्रत कथा सुनना, घी और दही का दान करना अच्छा होता है। आपसी संबंधों को मधुर बनाए रखने के लिए लोग बुध ग्रह की पूजा करते हैं। किसी नए कार्य को प्रारंभ करने के लिए यह दिन बहुत अच्छा होता है।
बृहस्पतिवार
बृहस्पतिवार का दिन भगवान विष्णु और उनके अवतारों को समर्पित है, इस दिन दूध, दही, घी से पूजा की जाती है। इस दिन सिर्फ एक ही बार भोजन किया जाता है और वो भी दूध उत्पादों से बना। बृहस्पतिवार का दिन बृहस्पति ग्रह को प्रसन्न करने के लिए एक अच्छा दिन है, इसे सभी ग्रहों का गुरु भी कहा जाता है। यही वजह है कि कुछ स्थानों पर बृहस्पतिवार को गुरुवार भी कहा जाता है। इस दिन के लिए शुभ रंग पीला है। व्रत रखने वाले लोग इस दिन घी और चने की दाल या फिर पीले रंग के किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं। जो लोग बृहस्पतिवार का व्रत रखते हैं उन पर बृहस्पतिदेव प्रसन्न होते हैं और उन्हें स्वस्थ और खुशहाल जीवन प्रदान करते हैं।
शुक्रवार
शुक्रवार का दिन मलालक्ष्मी, दुर्गा, संतोषी मां और शुक्र ग्रह को समर्पित है। इस दिन लोग मिठाई का दान करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार लगातार 16 शुक्रवार के दिन व्रत रखना बेहद फायदेमंद साबित होता है। इस दिन लोग सफेद रंग के वस्त्र पहनते हैं। शक्ति और दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए यह दिन बहुत अच्छा होता है। शुक्रवार का व्रत अलग-अलग वजहों से रखा जाता है। कुछ लोग संतान की प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत रखते हैं तो कुछ खुशहाल जीवन के लिए। बाधाओं को दूर करने के लिए शुक्रवार का व्रत बहुत लाभकारी है।
शनिवार
शनिवार का व्रत विशेष तौर पर न्याय के देव शनि ग्रह की कुदृष्टि से बचने के लिए रखा जाता है। वे लोग जो हिन्दू ज्योतिष विद्या पर विश्वास रखते हैं केवल वही शनिवार का व्रत रखते हैं। शनि का रंग काला है इसलिए इस दिन काले वस्त्र पहनना शुभ होता है। काले कपड़ों और काले तिल का दान करना भी बहुत अच्छा माना जाता है। शनिदेव को बहुत घातक भी माना जाता है। इसलिए लोग शनिवार के दिन यात्रा करना शुभ नहीं मानते। लेकिन साथ ही यह भी कहा जाता है कि वे लोग जो हनुमान की अराधना करते हैं, शनिदेव उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाते।
रविवार
रविवार अर्थात भगवान सूर्य का दिन, इस दिन लोग सूर्यनारायण की आराधना करते हैं। रविवार के दिन व्रत रखने वाले लोग पूरे दिन में ना तो घी-तेल खाते हैं न ही नमक का स्वाद लेते हैं। इस दिन लाल रंग के वस्त्र पहनने से फायदा मिलता है और साथ ही पूजा के दौरान लाल चंदन का टीका लगाकर सूर्य देव को लाल फूल प्रस्तुत किए जाएं तो बहुत फायदेमंद साबित होता है। रविवार के दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को अपने साथ-साथ अपने आसपास की जगहों पर भी सफाई रखनी चाहिए। जिन लोगों को त्वचा से संबंधित कोई रोग होता है उनके लिए रविवार का व्रत रखना लाभकारी है। इस दिन गरीबों को दान भी करना चाहिए।
सोमवार
भगवान शिव को समर्पित यह दिन कुंवारी लड़कियों के लिए बहुत उपयोगी है। अपने मनोनुकूल जीवनसाथी को पाने के लिए वे सोमवार के व्रत रखती हैं। भगवान शिव को प्रसन्न करना बहुत आसान होता है इसलिए वे लोग जिन्हें अपनी किसी इच्छा पूरी होने का इंतजार है, वे सोमवार के दिन व्रत रखते हैं। सोमवार का व्रत सूर्य उगने के साथ ही शुरू हो जाता है और सूर्यास्त के बाद तक चलता है। इसलिए वे लोग जो इस दिन व्रत रखते हैं वे सूर्य के ढलने के बाद ही खाना खाते हैं। कुछ लोग दोपहर बाद फल या साबूदाने की खिचड़ी खा लेते हैं। सोमवार के दिन सफेद कपड़े पहनने से और शिवलिंग पर सफेद फूल चढ़ाने से मनोकामना पूरी होती है। सोमवार के दिन अमावस या पूर्णिमा पड़ना बहुत पवित्र माना जाता है। इस दिन को सोमवती अमावस्या का कहा जाता है। इसके अलावा उत्तरी भारत, गुजरात और महाराष्ट्र में श्रावण महीने में पड़ने वाले सोमवार, तमिलनाडु में कार्थिगई मसम के सोमवार, आन्ध्र प्रदेश और कर्नाटक में कार्तिक माह के सोमवार का विशेष महत्व है।
मंगलवार
मंगलवार का दिन गणेश, हनुमान और काली को समर्पित है, साथ ही मंगल ग्रह का संबंध भी इसी दिन से है। मंगल ग्रह को समस्याओं का जनक माना जाता है इसलिए मंगलवार का व्रत रखकर लोग मंगल ग्रह की कुदृष्टि से बचने की कोशिश करते हैं। परंतु इस दिन विशेषकर लोग रामभक्त हनुमान की ही आराधना करते हैं। इस दिन लाल वस्त्र पहनना शुभ होता है। मंगलवार का व्रत रखने वाला व्यक्ति पूरे दिन में एक बार भोजन करता है। अधिकांश दंपत्ति पुत्र प्राप्ति के उद्देश्य से भी मंगलवार का व्रत रखते हैं। ज्योतिष पर विश्वास करने वाले लोग मंगल ग्रह को प्रसन्न रखने के लिए इस दिन व्रत रखते हैं।
बुधवार
भगवान कृष्ण के अवतार विट्ठल और बुध ग्रह को समर्पित है बुधवार का दिन। इस दिन पूजा के दौरान हरी पत्तियां, विशेषकर तुलसी की पत्तियां प्रयोग की जाती है। किसी नए कार्य को शुरु करने के लिए यह दिन बहुत उपयुक्त है। कुछ क्षेत्रों में इस दिन भगवान विष्णु की भी आराधना होती है। ऐसा माना जाता है कि वे लोग जो इस दिन व्रत रखते हैं उनके परिवार में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है। साथ ही उनकी बुद्धि में भी विकास होता है। बुधवार के दिन हरे कपड़े पहनना और मूंग दाल का दान करना शुभ माना जाता है। पूजा के दौरान बुधवार व्रत कथा सुनना, घी और दही का दान करना अच्छा होता है। आपसी संबंधों को मधुर बनाए रखने के लिए लोग बुध ग्रह की पूजा करते हैं। किसी नए कार्य को प्रारंभ करने के लिए यह दिन बहुत अच्छा होता है।
बृहस्पतिवार
बृहस्पतिवार का दिन भगवान विष्णु और उनके अवतारों को समर्पित है, इस दिन दूध, दही, घी से पूजा की जाती है। इस दिन सिर्फ एक ही बार भोजन किया जाता है और वो भी दूध उत्पादों से बना। बृहस्पतिवार का दिन बृहस्पति ग्रह को प्रसन्न करने के लिए एक अच्छा दिन है, इसे सभी ग्रहों का गुरु भी कहा जाता है। यही वजह है कि कुछ स्थानों पर बृहस्पतिवार को गुरुवार भी कहा जाता है। इस दिन के लिए शुभ रंग पीला है। व्रत रखने वाले लोग इस दिन घी और चने की दाल या फिर पीले रंग के किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं। जो लोग बृहस्पतिवार का व्रत रखते हैं उन पर बृहस्पतिदेव प्रसन्न होते हैं और उन्हें स्वस्थ और खुशहाल जीवन प्रदान करते हैं।
शुक्रवार
शुक्रवार का दिन मलालक्ष्मी, दुर्गा, संतोषी मां और शुक्र ग्रह को समर्पित है। इस दिन लोग मिठाई का दान करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार लगातार 16 शुक्रवार के दिन व्रत रखना बेहद फायदेमंद साबित होता है। इस दिन लोग सफेद रंग के वस्त्र पहनते हैं। शक्ति और दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए यह दिन बहुत अच्छा होता है। शुक्रवार का व्रत अलग-अलग वजहों से रखा जाता है। कुछ लोग संतान की प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत रखते हैं तो कुछ खुशहाल जीवन के लिए। बाधाओं को दूर करने के लिए शुक्रवार का व्रत बहुत लाभकारी है।
शनिवार
शनिवार का व्रत विशेष तौर पर न्याय के देव शनि ग्रह की कुदृष्टि से बचने के लिए रखा जाता है। वे लोग जो हिन्दू ज्योतिष विद्या पर विश्वास रखते हैं केवल वही शनिवार का व्रत रखते हैं। शनि का रंग काला है इसलिए इस दिन काले वस्त्र पहनना शुभ होता है। काले कपड़ों और काले तिल का दान करना भी बहुत अच्छा माना जाता है। शनिदेव को बहुत घातक भी माना जाता है। इसलिए लोग शनिवार के दिन यात्रा करना शुभ नहीं मानते। लेकिन साथ ही यह भी कहा जाता है कि वे लोग जो हनुमान की अराधना करते हैं, शनिदेव उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाते।