दुर्दांत दानव महिषासुर के वध से प्रसन्न और निर्भय हो गए त्रिदेवों सहित देवताओं ने जब प्रसन्न भगवती माता से ऐसे किसी अमोघ उपाय की याचना की, जो सरल हो और कठिन से कठिन विपत्ति से छुड़ाने वाला हो। तब कृपालु भगवती ने अपने ही बत्तीस नामों (32) की माला के एक अद्भुत गोपनीय रहस्यमय किंतु चमत्कारी जप का उपदेश किया जिसके करने से घोर से घोर विपत्ति, राज्यभय या दारुण विपत्ति से ग्रस्त मनुष्य भी भयमुक्त एवं सुखी हो जाता है।
दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के बाद देहशुद्धि करके कुश या कम्बल के आसन पर बैठें।
* पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुंह करें।
* घी के दीपक जलाएं।
* मां भगवती के इन नामों की 5, 11 या 21 माला नवरात्रि के नौ दिनों तक जपें और जगत माता से अपनी मनोकामना पूर्ण करने की याचना करें। आपकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होंगी।
दुर्गा दुर्गार्तिशमनी दुर्गापद्धतिनिवारिणी।
दुर्गमच्छेदिनी दुर्गसाधिनी दुर्गनाशिनी
दुर्गतोद्वारिणी दुर्ग निहन्त्री दुर्गमापहण।
दुर्गम ज्ञानदा दुर्ग दैत्यलो कदवानला।
दुर्गमा दुर्गमालोका दुर्गमात्मस्वरूपिणी।
दुर्ग मार्गप्रदा दुर्गम विद्या दुर्गमाश्रिता।
दुर्गम ज्ञान संस्थाना दुर्गम ध्यान भासिनी।
दुर्गमोहण दुर्गमगा दुर्गमार्थस्वरूपिणी।
दुर्गमासुरस हंन्श्री दुर्गमायुधधारिणी।
दुर्गमाड़ी दुर्गमता दुर्गम्या दुर्गमेश्वरी।
दुर्गभीमा दुर्गभामा दुर्गभा दुर्गदारिणी।
नामावलिमिमां यस्तु दुर्गाया मम मानव:
पठेत् सर्वभयान्मुक्तो भविव्यतिन संशय:।
No comments:
Post a Comment