वर्षों तक तपस्या में लीन रहे भगवान शिव ने जब अपनी आंख खोली तब उनकी आंखों में से आंसू धरती पर गिरे। जहां पर शिव की आंख का आंसू गिरा था वहां एक रुद्राक्ष का पेड़ बन गया। शिव के आंसू कहे जाने वाले रुद्राक्ष 14 प्रकार के होते हैं जिनमें से प्रत्येक व्यक्ति की अलग-अलग इच्छाओं को पूरा करने की चमत्कारिक शक्ति रखता है। कहते हैं कि पूर्ण विधि-विधान और शिव के आशीर्वाद के साथ रुद्राक्ष को पहना जाए तो उसे पहनने मात्र से चिंताएं दूर हो जाती हैं।
एक मुखी रुद्राक्ष को शिव के सबसे करीब माना जाता है। वे लोग जो धन-दौलत और भौतिक चीजों का मोह रखते हैं उन्हें एक मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। रुद्राक्ष धारण करने से पहले ऊँ ह्रीं नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। दो मुखी रुद्राक्ष हर इच्छा पूरी करता है। इसे धारण करते समय ॐ नम: का जाप करना चहिए। व्यक्ति की हर इच्छा को पूरा करने का सबसे तेज माध्यम है तीन मुखी रुद्राक्ष। इसे पहनने से जल्दी से जल्दी इच्छा पूरी होती है। इसे पहनते समय ऊँ क्लीं नम: का जाप करना चाहिए। चार मुखी रुद्राक्ष को ब्रह्मा का स्वरूप कहा जाता है। इसे धारण करने से व्यक्ति को धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसे धारण करने का मंत्र है ऊँ ह्रीं नम:। वे लोग जो अपनी हर परेशानी से छुटकारा पाना चाहते हैं उन्हें पांच मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए। इसका मंत्र है ऊँ ह्रीं नम:। छ: मुखी रुद्राक्ष को कार्तिकेय का रूप कहा जाता है। वे लोग जो इसे धारण करते हैं उन्हें ब्रह्महत्या के पाप से मुक्ति मिलती है। इसे धारण करने का मंत्र है ॐ ह्रीं हुम नम:।
वे लोग जिन्हें अत्याधिक धन की हानि हुई है और उनके पास इससे उबरने का कोई तरीका नहीं है, उन्हें सात मुखी रुद्राक्ष को पहनना चाहिए। इसे धारण करने से पहले ऊँ हुं नम: का जाप करना चाहिए। वे लोग जो रोग मुक्त जीवन जीना चाहते हैं उनके लिए आठ मुखी रुद्राक्ष एकदम उपयुक्त है। इस रुद्राक्ष के लिए मंत्र है ॐ हुम नम:। नौ मुखी रुद्राक्ष को नौ देवियों का स्वरूप कहा जाता है। समाज में प्रतिष्ठा की चाह रखने वाले लोगों को नौ मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए। दस मुखी रुद्राक्ष को विष्णु का स्वरूप माना जाता है। हर प्रकार की खुशियों को पाने की चाह रखने वाले लोगों को इस रुद्राक्ष को पहनना चाहिए जिसका मंत्र है ॐ ह्रीं नम:। ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को रुद्रदेव का स्वरूप माना जाता है। हर क्षेत्र में सफलता पाने के लिए इसे पहनना चाहिए। इसका मंत्र है ॐ ह्रीं हुम नम:। बारह मुखी रुद्राक्ष को बालों में पहना जाता है। इसे धारण करने का मंत्र है ऊँ क्रौं क्षौं रौं नम:।
विश्वदेव के स्वरूप में देखे जाने वाले तेरह मुखी रुद्राक्ष को पहनने वाले लोगों का सौभाग्य चमकने लगता है। इसे धारण करने से पहले ॐ ह्रीं नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। चौदह मुखी रुद्राक्ष स्वयं शिव का स्वरूप कहा जाता है जो समस्त पापों से मुक्ति दिलाता है। इसका मंत्र है ॐ नम:।
रुद्राक्ष को स्वयं भगवान शिव का अंश माना जाता है, ऐसा माना जाता है जो व्यक्ति रुद्राक्ष धारण करता है उसके ऊपर महादेव का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है। रुद्राक्ष की महत्ता उसके मुख से होती है, एक मुखी से लेकर चौदह मुखी रुद्राक्ष तक उपलब्ध हैं, और हर किसी की अपनी-अपनी उपयोगिता और महत्ता होती है। आपने बहुत से लोगों को एक मुखी या पंचमुखी रुद्राक्ष धारण किए देखा होगा। लेकिन आपके लिए कौनसा रुद्राक्ष फायदेमंद है, ये बात आपकी राशि के अनुसार जाना जा सकता है।
एक मुखी रुद्राक्ष की बात है तो इसे किसी भी राशि का व्यक्ति पहन सकता है, इसे साक्षात महादेव के स्वरूप के तौर पर जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति एकमुखी रुद्राक्ष पहनता है उसे सामाजिक मान प्रतिष्ठा, धन, वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
अगर आपकी राशि मेष या वृश्चिक है तो आपको चौदहमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। इस रुद्राक्ष को हनुमान जी का स्वरूप माना गया है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से बल, बुद्धि, धन और प्रतिष्ठा हासिल होती है। वृष और तुला राशि के जातक तेरह मुखी रुद्राक्ष जिसे भगवान इन्द्र का स्वरूप कहा गया है, को धारण कर सकते हैं। इस रुद्राक्ष को धारण करने से भोग-विलास के साथ-साथ आरोग्य जीवन का भी लाभ मिलता है। मिथुन और कन्या राशि के जातकों को दसमुखी रुद्राक्ष पहनने की सलाह दी जाती है। इस रुद्राक्ष को भगवान विष्णु का स्वरूप माना गया है। बुध की राशि के लोग इस रुद्राक्ष को पहनकर बुद्धि, विद्या, धन, संपत्ति से संबंधित लाभ उठा सकते हैं। कर्क राशि के जातक पांचमुखी रुद्राक्ष पहन सकते हैं। इस रुद्राक्ष को विशेषतौर पर मानसिक शांति के लिए धारण किया जाता है, इसके अलावा यह रुद्राक्ष व्यक्ति के भीतर सात्विक गुणों का भी विकास करता है। धनु और मीन राशि के जातकों को चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी जाती है। इस रुद्राक्ष को ब्रह्माजी का स्वरूप कहा जाता है, इसे बृहस्पति ग्रह से संबंधित राशि वाले जातक पहन सकते हैं। द्वादश मुख वाले रुद्राक्ष को 12 आदित्यों का रूप कहा गया है, इसे सिंह राशि के जातक पहन सकते हैं। इस रुद्राक्ष को पहनने से आरोग्य जीवन, लंबी आयु और मान-प्रतिष्ठा प्राप्त होती है। मकर और कुंभ राशि के जातकों को सातमुखी या नौमुखी रुद्राक्ष पहन सकते हैं। सातमुखी रुद्राक्ष महासेन अनंत का और नौमुखी रुद्राक्ष महाभैरव का स्वरूप माना गया है। शनि ग्रह की राशि वाले जातक इनमें से कोई भी रुद्राक्ष पहन सकते हैं। इस रुद्राक्ष को पहनने से स्वास्थ्य, धन, वैभव और सर्वत्र लाभ की प्राप्ति होती है।
रुद्राक्ष पहनने के कुछ धार्मिक नियम भी हैं, जिनका पालन करना अत्यंत आवश्यक है। जब भी आपको रुद्राक्ष धारण करना हो तो सबसे पहले एक अच्छे ज्योतिष की सहायता लें। उनके परामर्श के बिना कुछ ना करें।
एक मुखी रुद्राक्ष को शिव के सबसे करीब माना जाता है। वे लोग जो धन-दौलत और भौतिक चीजों का मोह रखते हैं उन्हें एक मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। रुद्राक्ष धारण करने से पहले ऊँ ह्रीं नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। दो मुखी रुद्राक्ष हर इच्छा पूरी करता है। इसे धारण करते समय ॐ नम: का जाप करना चहिए। व्यक्ति की हर इच्छा को पूरा करने का सबसे तेज माध्यम है तीन मुखी रुद्राक्ष। इसे पहनने से जल्दी से जल्दी इच्छा पूरी होती है। इसे पहनते समय ऊँ क्लीं नम: का जाप करना चाहिए। चार मुखी रुद्राक्ष को ब्रह्मा का स्वरूप कहा जाता है। इसे धारण करने से व्यक्ति को धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसे धारण करने का मंत्र है ऊँ ह्रीं नम:। वे लोग जो अपनी हर परेशानी से छुटकारा पाना चाहते हैं उन्हें पांच मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए। इसका मंत्र है ऊँ ह्रीं नम:। छ: मुखी रुद्राक्ष को कार्तिकेय का रूप कहा जाता है। वे लोग जो इसे धारण करते हैं उन्हें ब्रह्महत्या के पाप से मुक्ति मिलती है। इसे धारण करने का मंत्र है ॐ ह्रीं हुम नम:।
वे लोग जिन्हें अत्याधिक धन की हानि हुई है और उनके पास इससे उबरने का कोई तरीका नहीं है, उन्हें सात मुखी रुद्राक्ष को पहनना चाहिए। इसे धारण करने से पहले ऊँ हुं नम: का जाप करना चाहिए। वे लोग जो रोग मुक्त जीवन जीना चाहते हैं उनके लिए आठ मुखी रुद्राक्ष एकदम उपयुक्त है। इस रुद्राक्ष के लिए मंत्र है ॐ हुम नम:। नौ मुखी रुद्राक्ष को नौ देवियों का स्वरूप कहा जाता है। समाज में प्रतिष्ठा की चाह रखने वाले लोगों को नौ मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए। दस मुखी रुद्राक्ष को विष्णु का स्वरूप माना जाता है। हर प्रकार की खुशियों को पाने की चाह रखने वाले लोगों को इस रुद्राक्ष को पहनना चाहिए जिसका मंत्र है ॐ ह्रीं नम:। ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को रुद्रदेव का स्वरूप माना जाता है। हर क्षेत्र में सफलता पाने के लिए इसे पहनना चाहिए। इसका मंत्र है ॐ ह्रीं हुम नम:। बारह मुखी रुद्राक्ष को बालों में पहना जाता है। इसे धारण करने का मंत्र है ऊँ क्रौं क्षौं रौं नम:।
विश्वदेव के स्वरूप में देखे जाने वाले तेरह मुखी रुद्राक्ष को पहनने वाले लोगों का सौभाग्य चमकने लगता है। इसे धारण करने से पहले ॐ ह्रीं नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। चौदह मुखी रुद्राक्ष स्वयं शिव का स्वरूप कहा जाता है जो समस्त पापों से मुक्ति दिलाता है। इसका मंत्र है ॐ नम:।
रुद्राक्ष को स्वयं भगवान शिव का अंश माना जाता है, ऐसा माना जाता है जो व्यक्ति रुद्राक्ष धारण करता है उसके ऊपर महादेव का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है। रुद्राक्ष की महत्ता उसके मुख से होती है, एक मुखी से लेकर चौदह मुखी रुद्राक्ष तक उपलब्ध हैं, और हर किसी की अपनी-अपनी उपयोगिता और महत्ता होती है। आपने बहुत से लोगों को एक मुखी या पंचमुखी रुद्राक्ष धारण किए देखा होगा। लेकिन आपके लिए कौनसा रुद्राक्ष फायदेमंद है, ये बात आपकी राशि के अनुसार जाना जा सकता है।
एक मुखी रुद्राक्ष की बात है तो इसे किसी भी राशि का व्यक्ति पहन सकता है, इसे साक्षात महादेव के स्वरूप के तौर पर जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति एकमुखी रुद्राक्ष पहनता है उसे सामाजिक मान प्रतिष्ठा, धन, वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
अगर आपकी राशि मेष या वृश्चिक है तो आपको चौदहमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। इस रुद्राक्ष को हनुमान जी का स्वरूप माना गया है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से बल, बुद्धि, धन और प्रतिष्ठा हासिल होती है। वृष और तुला राशि के जातक तेरह मुखी रुद्राक्ष जिसे भगवान इन्द्र का स्वरूप कहा गया है, को धारण कर सकते हैं। इस रुद्राक्ष को धारण करने से भोग-विलास के साथ-साथ आरोग्य जीवन का भी लाभ मिलता है। मिथुन और कन्या राशि के जातकों को दसमुखी रुद्राक्ष पहनने की सलाह दी जाती है। इस रुद्राक्ष को भगवान विष्णु का स्वरूप माना गया है। बुध की राशि के लोग इस रुद्राक्ष को पहनकर बुद्धि, विद्या, धन, संपत्ति से संबंधित लाभ उठा सकते हैं। कर्क राशि के जातक पांचमुखी रुद्राक्ष पहन सकते हैं। इस रुद्राक्ष को विशेषतौर पर मानसिक शांति के लिए धारण किया जाता है, इसके अलावा यह रुद्राक्ष व्यक्ति के भीतर सात्विक गुणों का भी विकास करता है। धनु और मीन राशि के जातकों को चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी जाती है। इस रुद्राक्ष को ब्रह्माजी का स्वरूप कहा जाता है, इसे बृहस्पति ग्रह से संबंधित राशि वाले जातक पहन सकते हैं। द्वादश मुख वाले रुद्राक्ष को 12 आदित्यों का रूप कहा गया है, इसे सिंह राशि के जातक पहन सकते हैं। इस रुद्राक्ष को पहनने से आरोग्य जीवन, लंबी आयु और मान-प्रतिष्ठा प्राप्त होती है। मकर और कुंभ राशि के जातकों को सातमुखी या नौमुखी रुद्राक्ष पहन सकते हैं। सातमुखी रुद्राक्ष महासेन अनंत का और नौमुखी रुद्राक्ष महाभैरव का स्वरूप माना गया है। शनि ग्रह की राशि वाले जातक इनमें से कोई भी रुद्राक्ष पहन सकते हैं। इस रुद्राक्ष को पहनने से स्वास्थ्य, धन, वैभव और सर्वत्र लाभ की प्राप्ति होती है।
रुद्राक्ष पहनने के कुछ धार्मिक नियम भी हैं, जिनका पालन करना अत्यंत आवश्यक है। जब भी आपको रुद्राक्ष धारण करना हो तो सबसे पहले एक अच्छे ज्योतिष की सहायता लें। उनके परामर्श के बिना कुछ ना करें।
No comments:
Post a Comment